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Kalpesh Vyas

Tragedy

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Kalpesh Vyas

Tragedy

जोकर

जोकर

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सर्कस में भी जोकर और ताश में भी जोकर 

सिधा दिल को छू कर, कुछ कहता है जोकर 


जो दिल बोले तू वो कर, दिल से कर तू जो कर, 

कुछ-न-कुछ हम को, सिखलाता है जोकर


तू हँसी का बन नोकर, दू:ख-दर्द को तू 'नॉ (No) कर'

अश्कों को छुपा कर, फँसता है यह जोकर


खा कर जग की ठोकर, बचाता है यह जोकर 

सबकुछ अपना खो कर, कुछ देता है जोकर 



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