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Jiwan Sameer

Abstract Classics Inspirational

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Jiwan Sameer

Abstract Classics Inspirational

जो स्वप्नों को जीवन दे

जो स्वप्नों को जीवन दे

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जो स्वप्नों को जीवन दे

वह आस अभी बाकी है


जो प्रस्तर को धड़कन दे

वह सांस अभी बाकी है


जो वेदना को चुंबन दे

वह प्यास अभी बाकी है.


जो तिमिर को ध्वंस करे

वह उजास अभी बाकी है


हारना नहीं जीत लक्ष्य हो

नवचेतना भरना अभीी बाकी है.


घृणा क्षो्षो की अग्नि धधके

प्रेेम रस पीना अभी बाकी है।


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