क्या लिखूं
क्या लिखूं
विरह की वेदना लिखूं
मिलन की संवेदना लिखूं
लिप्सा की योजना लिखूं
विद्युत की गर्जना लिखूं
लरजती देह की वासना लिखूं
परमेश्वर की उपाासना लिखूं
अपध्वंस की अभावना लिखूं
अभद्र की अवहेलना लिखूं
पायल की झंकार लिखूं
तपन की टंकार लिखूं
अहंकार की विरक्ति लिखूं
उदिग्न मन की उक्ति लिखूं
सांझ की लालिमा लिखूं
निशा की कालिमा लिखूं
गुलाब में पड़ी निहारिका लिखूं
मनुहार करती अभिसारिका लिखूं
आकांक्षाओं भरी वाटिका लिखूं
अंतर्घट में चुभतीी कंटिका लिखूं
पिंजरे में बंद शुुक सारिका लिखूं
अनुपलब्ध आजीविका लिखूं
निस्तब्ध हूँ कि क्या लिखूं
उद्वेग की भर्त्सना लिखूं
स्वछंद गगन के पटल पर
लभ्य की सर्जना लिखूं
तुम ही कहो मैं क्या लिखूं
अभिशप्त जीवन की पंखुरी में
किसका नाम लिखूं...
चाह लिखूं कि आह लिखूं
वर्जना लिखूं कि सर्जना लिखूं!