... जो मुझे पसंद है!!
... जो मुझे पसंद है!!
जो मुझे पसंद है उसकी औरों को कहाँ परवाह है!
औरों की खुशियों में खुश होती ऐसा मेरा स्वभाव है।।
सारी दुनियाँ एक तरफ मेरी दुनियाँ तो मेरा परिवार है,
कोई अपनों के विरुद्ध बोले तो आये तन में उबाल है।।
जताते कभी बच्चे कभी पति कि तुम्हारी परवाह है,
पर जानती हूँ जल्दी समाप्त होने वाला क्षणिक आवेग है।।
जो मुझे पसंद है वो देना भी पड़ता औरों को,व्यवहार है,
कह दूँ कि मेरे पीहर से आया तो ससुराल सिर पर सवार है।।
बच्चा कम नंबर लाये तो मेरा यानि माँ का वजूद जवाबदार है,
पर बच्चा कक्षा में प्रथम आ जाये तो पति जिम्मेदार है।।
मेरे भोजन,कपड़ा,साज-सज्जा में चाहते सब बदलाव है,
पर मेरे हितैषी बोल ही देते वाह'संगू'क्या तेरा रख-रखाव है।