मानसिक और शारीरिक श्रम
मानसिक और शारीरिक श्रम
शारीरिक और मानसिक परिश्रम का भेद बताते,
शारीरिक श्रम तन व मानसिक श्रम दिमाग़ थकाते,
दशकों पहले शारीरिक श्रम जीवन शैली में अपनाते थे,
बिना वाहन बोझा ढो पुरुष कोसों पैदल चलते थे,
नारी चक्की पीसती, गोबर लीपती पानी लाती दूर दराज से,
घरों के बाहर जाकर बच्चे खेलते और शरीर थकाते।।
जैसे वक़्त बदला तो हालात स्वतः ही बदलते गये,
ज़माने भर के काम होते फ़ोन पर महज बटन दबाने से,
कम्पनियाँ कंप्यूटर द्वारा मानसिक श्रम कराते,
अपाच्य भोजन पिज़्ज़ा बर्गर नसों में जम रहा खाते खाते,
छोटी उम्र में जानलेवा मर्ज़, बीमारियों से घिरने लगे
और चिता बनकर चिंताएं मँडराने लगी मस्तिष्क में।