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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

जीवन की दौड़ में

जीवन की दौड़ में

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ना कोई सगा ना कोई हितैषी यहाँ मतलबी बसते,

नाम के हम इंसान जानवरों से बदतर जीवन जीते।


ईर्ष्या, जलन, कुढ़न मानव के रग-रग में बसे हुए,

कोई आगे बढ़े तो बहुतेरे हैं पीछे से टाँग खींचने वाले।।


कुछ पीछे रह गये कुछ बहुत आगे निकल गये,

हम जीवन की दौड़ में बस दौड़ते ही रह गये।


सीधा दौड़ना था पर दाएं बाएं नज़रें घुमाते रह गये,

ख़ुद की राह भूलकर औरों की राह पर चलते गये।


जीवन की दौड़ में चुनौतीपूर्ण हैं हर दिन हर लम्हे,

कोई घबरा जाते तो कोई हिम्मत से आगे बढ़ते रहते।


एक दूसरे को देख हर कोई भाग रहा ज़िन्दगी में,

पर सब को सबकुछ कहाँ मिलता जीवन की दौड़ में।



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