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Aishani Aishani

Romance Tragedy

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Aishani Aishani

Romance Tragedy

जो दीपक बुझ गया..!

जो दीपक बुझ गया..!

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वो

जो बेहद अज़ीज़ था

अंततः 

उसी ने तोड़ दिया

भ्रम मेरा 

कि.. 

कुछ भी अज़ीज़ हो

पर

अज़ीज़ होता नहीं है

अब देखो ना

ये तुम्हारी अकड़

वो भी टूट ही गया

 प्रेम में भी

कुछ टूटता ही है

फिर चाहे वो कुछ भी हो

मतलब कुछ भी

समझ रहे हो ना..

देखो ना

ये मिट्टी का दीप भी

तेल के खत्म होते ही

बाती टूटकर बुझ गई

और ये दीप

ये दीप नितांत अकेला

जीवंत तो होगा पुनः

पर.. 

पहली सी वो बात कहाँ इसमें

जो टूटता है 

वो जुड़ता तो है

पर.. 

जुड़ने के बावजूद जुड़ता नहीं है

समझ रहे हो ना..!! 



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