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Swapnil Kulshreshtha

Classics Inspirational

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Swapnil Kulshreshtha

Classics Inspirational

ज्ञान - सुधा............

ज्ञान - सुधा............

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सर्वज्ञ नहीं, अल्पज्ञ की भी कर्म भूमि है यह वसुधा,

ज्ञान का अंकुरण,अज्ञान से ही होता सदा।


शून्य हीं निसंदेह, सर्वशक्तिमान है यहां,

वसुधा के हर प्राणी में,बहती है एक काव्य - सुधा।।


अभिव्यक्ति का है रंगमंच, जिसको जैसा किरदार मिला,

बतला दिया उसने जग को,जिसको भी एक मंच मिला।


सूर्य की तेजस किरणें, कुछ उन पर भी पड़ जाएं।।

काव्य सुधा के रंगमंच पर, उनके भी पद चिन्ह उभर आए।


प्राकट्य के नेपथ्य के पीछे, अनदेखी सी काव्यसुधाए,

उनको भी एक मंच चाहिए, ताकी सब उनको सुन पाए।


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