यौवन की माया_!———————
यौवन की माया_!———————
मेरे अंतरमन
हैं
कोरेकोरे
सपनों के चमकीले रंग
और
चमकते दमकते हैं
नाउम्मीदी के बादल
मन के फूल
राह के काँटे
तन का घनगर्जन
मन के सन्नाटे
इनमें तारतम्य
उन्हें साधने
मन मंथन
मंसूबे बांधने
बीच
रेत सा
फिसलता जाता है
मेरा
अनमोल जीवन !

