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Manju Rani

Tragedy Inspirational

4  

Manju Rani

Tragedy Inspirational

ज्ञान का प्रकाश

ज्ञान का प्रकाश

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मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो ,

बुझते दिलों को ज्ञान से जगा दो ,

काली रातों को ज्ञान का उज्जाला दो ,

जीने की नई राह सिखा दो,

मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो।


कमला को कमल का अर्थ समझा दो ,

उसकी उस से अपनी पहचान करवा दो।

अन्याय से लड़ना सिखा दो , 

 शिक्षा को उसका हथियार बना दो ,

 मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो।


 क्यों वह आधा वेतन पा

 आधी रोटी खाती है ?

 क्यों वह भूखे पेट सो जाती है?

 क्यों वह यह सब भाग्य का

 दोष बता ,सहती जाती है?

 उसे भी कोई अपना हक लेना सिखा दो,

 मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो ।


 क्यों बेटी के पैदा होने पर

 उसका पति उसे सताता है?

 क्यों बेटे की आशा में बेटियों को

 राशन की लाइनों में खड़ा कर आती है?

 कोई उसके पति को

 बेटे-बेटी में अंतर नहीं ,समझा दो ।

 मेरी देश को ज्ञान का प्रकाश दो ।


 क्यों कमला के बच्चे भूखे नंगे घूम रहे?

 क्यों अबोध बालक मालिकों की मार खा रहे ?

 क्यों वे सलाखों के पीछे से झांक रहे?

 क्यों वह नशे में अपने को खोखला कर रहे ?

 कोई इनके माँँ-बाप को बता दो

 उनकी लापरवाही की सजा

 क्यों ये मासूम भुगत रहे ?

 कोई इन चिरागों को रोशनी दिखा दो,

 मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो ।


 क्यों कमला का छोटा बेटा बीमार पड़ा?

 क्यों वह खोंं-खों कर रही ?

 क्यों उसकी बेटियाँ

 भरी जवानी में बुढ़ी लग रही ?

 क्यों गंदी गलियों में रह रही?

 उसे इन सब के कारण समझा दो ,

 मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो ।


क्यों कमला बेटे को ही पढ़ा रही? 

क्यों बेटियों का कच्ची उम्र में

ब्याह रचा रही?

क्यों उन्हें शिक्षा से वंचित कर रही ?

कोई उसे इन सब बातों का मूल्य समझा दो ,

मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो।


उन जनक-जननी को

छोटी-छोटी लापरवाही से हो रही

बड़ी-बड़ी बरबादियाँ बता दो ,

उन्हें ज्ञान का आकाश दो ,

मेरे देश को ज्ञान का प्रकाश दो,

बुझते दिलों को ज्ञान से जगा दो।


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