जन्म जन्म का साथ
जन्म जन्म का साथ
तुम और मैं जैसे धागे में मोती
जैसे दीपक में उज्ज्वल ज्योति
जैसे सूरज की झिलमिलाती किरन
जैसे मन में कुलाँचे मारता हिरन
हम जो विवाह के अटूट बंधन में बंधे आज
हम जो बने एक दूसरे के साथी हमराज
हम बने एक दूसरे के संगी और सरताज
हमें है अपने प्रेम भाव पर बहुत नाज़
न बंधन टूटे कभी ये हमारा ...
न साथ छूटे कभी हमारा
रिश्ता ये जीवन साथी सा प्यारा
तुम ही दोगे हरदम सहारा ..
जैसे नदिया को मिले किनारा !
जैसे रात को मिले उजियारा !!
जन्म जन्म का साथ हमारा !
स्नेह से महके जीवन प्यारा !!
सावन की बारिश से महके घर आँगन !
हम तुम सात जन्म से सजनी और साजन !!
महके स्नेह सिक्त प्रेम से पूरित स्वप्न !
जैसे कान्हा संग राधा का रिश्ता पावन !!
चाहे साठ साल के हो जाए !
पर रिश्ते में कटुता न कभी आए !!
एक दूजे के लिए प्रेम नित दिन बढ़ता जाए !
ज्यों पूनम का चाँद , छत पर चाँदनी बिखराए !
जैसे मयूर बारिश में नृत्य करने को अकुलाए !!
ऐसे ही स्नेह सिक्त भाव सदा हर युग में बढ़ता जाए !!