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Sandip Kumar Singh

Fantasy

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Sandip Kumar Singh

Fantasy

जज्बातों की दास्तान

जज्बातों की दास्तान

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अपने जज्बातों को मैं यहां अंकित कर रहा हूं,

मोती जैसे अल्फाजों से दास्तान लिख रहा हूं।


जिन्दगी सुख दुःख का एक अद्भुत संगम है,

इसे हर हाल में खुशियों के रंग से रंग रहा हूं।


पग_पग पर इम्तिहान की लौ से गुजरना है,

फिर भी मुस्कुराते हुए सबसे रूबरू हो रहा हूं।


एतबार कर के भी छलने वाले मिल जाते हैं,

तब से दिल को धैर्य का सहारा दे रहा हूं।


कभी अपनों से तो कभी परायों से अनबन है,

ऐसे हालात में लहू जिगर का पी रहा हूं।


सोचता हूं जज़्बात सारे साकार हो ही जाए,

परन्तु घात प्रतिघात का शिकार हो रहा हूं।


प्रार्थना भी बेकार साबित हो जाते हैं,

कोशिश का दामन थामे बढ़ते जा रहा हूं।


मायूसी का आगमन जोर_शोर से होता है,

कुछ शुद्ध आत्माओं के सहारे जी रहा हूं।


बहुरंगी जीवन के खेल में तमन्नायें जवां है,

हौसला को रोज तूफ़ानी हवा दे रहा हूं।



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