जज़्बाती दिल
जज़्बाती दिल
जीवन की धुन में
जीने की धुन है
प्यार मेरा छूटा तो
मरने की घुन है।।
उसे पाने की ख्वाहिश है
उसी खातिर नुमाइश है
उसे ही देखने को बस
यहां होती भी आइश है।।
बिना बोतल के नशा
कहो उतरे कैसे
जज़्बाती दिल है मेरा
संभले कैसे।।
अपनी धुन में खोया हूं
यादों में मैं रोया हूं
शायद इक दिन आ जाए।
इस खातिर फूल ये बोया हूं।।