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Priyanka Singh

Romance

3.2  

Priyanka Singh

Romance

जज्बात -बारिश में

जज्बात -बारिश में

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बारिश में भीग रही अकेली

तुम भी संग मेरे हो लो ना

दूर खडे़ क्यों देख रहे हो

बारिश की बूँदो को छू लो ना

रिमझिम सी मीठी इस धुन मे

हाथ पकड़ मेरा झूम लो ना

अपने प्यार की कश्ती को

आज इस पानी मे बहा दो ना

साथ रहेंगे हर सावन मे

इक प्यारा वादा कर लो ना

मेरे बहकते तन-मन को

अपनी बाँहो मे भर लो ना

मेरे भीगे इन जज्बातो को

अपने जज्बातो मे रंग लो ना

कहीं तरसते रह ना जाये

आज जी भर तुम भी बरसो ना

बारिश मे भीग रही अकेली

तुम भी संग मेरे हो लो ना ।।


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