STORYMIRROR

Priyanka Singh

Abstract

3  

Priyanka Singh

Abstract

मेरे एहसास

मेरे एहसास

1 min
245

मेरे होने से ही तो तुम्हें अल्फ़ाज मिले है

मैं ना होती तो किस पर ग़ज़ल लिखते तुम


मेरी एक ना ने तुम्हें मशहूर बना दिया

तुम्हारे कोरे कागज को किताब बना दिया


आज लाखों दिलों की धड़कन हो तुम

फिर भी कहते हो, प्रिया 

तुमने मुझे रास्ते का पत्थर बना दिया


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract