रंग रूप
रंग रूप
रंग रूप देख खिंचे चले जाते हैं
सच्चे जज़्बात क्यों नजर नहीं आते हैं
गोरा रंग पड़ता है काले पर भारी
चाहे दिल मे भरी हो कालिख सारी!!
बात बड़ी बड़ी तो सब बनाते हैं
जब बारी आये तो गोरी दुल्हन ही चाहते हैं
फिर भी कुछ लोग इमानदारी दिखाते हैं
रंग नही अच्छी सीरत अपनाते हैं!
पर रंगभेद, जातपात, अमीरी गरीबी
ये समस्या आज भी है समाज मे जारी
ये भी समझो जैसे हो लाइलाज बीमारी
कुछ लोगों की अक्ल पे पड़ा पत्थर भारी!
बिन काले रंग अधूरा है ये जहान विज्ञान तक
गोरा काला मिलकर ही पहुँचे चाँद तक
फिर काले लोगों को किसी से कम क्यों समझे
रंग नही अच्छे विचार दिल का ही सम्मान करे
वैरभाव नही इंसा इंसा से प्यार करे, ये प्रयास करे।।