इंतज़ार से प्यार
इंतज़ार से प्यार
एक एक पल बीतता है सौ साल समान
बढ़ रही दूरियाँ हमारी मोहब्बत के दरम्यान
वादा किया था तुमने लौट आओगे तुम
तुम्हारे हर वादे पर किया इस दिल ने एतबार
एक छोटा सा सवाल सालों से कर रहा है
उसके जवाब का इंतजार, तुम्हारा मुझसे रूठना
इसका सबब बता दो कब तक करे यूँ इंतज़ार
जवाब मिल जाता तो जीना होता आसान
क्यों कसमे वादे भूल तुम बन गये ऐसे अनजान
एक जवाब भी देना लगता नही जरूरी अब
और इन नजरों को है तुम्हारे लौटने का इंतजार
राह तकते तकते तुम्हारी अब तो
मेरे इंतजार को भी हो गया है इंतज़ार से प्यार।