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S R Daemrot (उल्लास भरतपुरी)

Romance

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S R Daemrot (उल्लास भरतपुरी)

Romance

मेवाती गीत : दिल धडके मेरी अंखियां फड़कें, सिर चक्करसो खावें

मेवाती गीत : दिल धडके मेरी अंखियां फड़कें, सिर चक्करसो खावें

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दिल धडके मेरी अंखियां फडके, सिर चक्कर सा खावें।        हाथ जोड री हूं बात मान जा, मत परदेसन कू जावे।।



ना चहिये मोहे कोठी बंगला, कच्चा में रह लुंगी मैं ।            बिना तिहारे खुशी ना चहिये, संग दुःख बी सह लुंगी मैं।।     खालुंगी मैं आधी रोटी, नहीं चाहना ज्यादा की ।               ना जा कन्हैया बात मान जा, तू भी अपणी राधा की।।   देख दिखाऊं मेरा दिल की, धडकन बी बढ़ती जावे....        हाथ जोड री हूं बात मान जा, मत परदेसन कू जावे।।




सारा घर परिवार छोड के, मैं आई तेरे पीछे।                    भरी भीड में इकली छोड़ी, तू डोले पईसा  पीछे।।            जिनपे पईसा हैं उनपे बस, पईसा हैं और कुछ ना है।         पईसो ई सब कुछ है जग में, ई बिल्कुल भी सच ना है।       या पईसा का पिंजरा में फंस, दूर तू हमसू मत जावे...        हाथ जोड री हूं बात मान जा, मत परदेसन कू जावे।।

   



पईसा,पईसा,पईसा,पईसा, आग लगे या पईसा मैं ।           बीर, मरद सू दूर करादी या मर जाणा पईसा ने।।              सारा नोट कमावें बाहर, नौकर बणके राजा जी।              हीनी काम करें मिल जुल, मैं राणी तू राजा जी।।              मिल लीजो 'उल्लास भरतपुरिया' बी,अब तक पिसतावे।       हाथ जोड री हूं बात मान जा, मत परदेसन कू जावे।।

मेवाती शब्द के अर्थ :                                           हमसू= हमारे से।     इकली= अकेली।      बीर= औरत। मरद= मर्द।              हीनी= यहीं पर।       पिस्तावे= पछता रहा।      


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