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Sandeep Kumar

Fantasy Inspirational

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Sandeep Kumar

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जिसे चाहता था दिल से वह ठुकरा

जिसे चाहता था दिल से वह ठुकरा

1 min
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जिसे चाहता था दिल से 

वह ठुकरा दी तो, यार हम क्या करें

औरों से फिर हम

प्यार क्या करें......


यह दिल है कोई खिलौना नहीं

इसका कनेक्शन तार क्या करें

यह सामान थोड़ी ना है

जो हम व्यापार क्या करें

जिसे चाहा दिल.......


सब ख्वाब चूर चूर चकनाचूर हो गया

अब और इंतजार क्या करें

ऊपर से नीचे तक टूट चुका हूं

अब याद पुराना सार क्या करें

जिसे चाहा दिल.......


काट लेते हैं दिन भर हंसकर

किसी को गम का बू अंदाज ना लगे

रो लेते हैं छुपकर दो चार आंसू

किसी को पता यह हार का ना चले

जिसे चाहा दिल.......


यह सब चलता है सतरंग दुनिया है

उसे अब पुकार कर क्या करें

अब मय में डूब जाना चाहता हूं

यह नशे मन संसार क्या करें

जिसे चाहा दिल.......


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