जिस दिन तुमने ..!!
जिस दिन तुमने ..!!
तुमने उसी दिन
निर्मम हत्या कर दी थी
मेरे प्रेम की
मेरे जज्बातों की
मेरे समर्पण की....
जिस दिन तुमने
मेरे प्रेम को न समझ
मेरा उपहास उड़ाया था।
जिस दिन तुमने
मेरे वजूद को नकार के
मेरे प्रेम को ठुकराया था।
जिस दिन तुमने
मेरी हंसी मिटाने की कोशिश में
खुद के वजूद को दांव पे लगाया था।
जिस दिन मैंने
तुम्हारे साथ रिश्ते में होके भी
खुद को हर मोड़ पे अकेला ही पाया था।

