मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
चांद तारे तोड़ के तुम बेशक न लाना मेरे हमसफर
बस सुबह अदरक वाली चाय अपने हाथों की पिला देना।
तुम्हारे प्यार में पहरो इंतजार कर लूंगी मैं
बस रात को बाहों में भर थपकी दे के सुला देना।
पूरी जिंदगी अपनी तुम्हारे नाम कर दी मैंने
बस मेरे नाम की आखिरी पहचान बदलने को न कहना।
हर दिन हर ख्वाब अपना रखूंगी तुम्हारे लिए मैं
बस मुझे हर जन्म अपनी अर्धांगिनी बनाने का वादा कर लेना।
मैं हर कसमें हर रस्में हर रिश्ते यूं ही निभाती रहूंगी
बस अपने प्यार की खुशबू से मेरा जीवन महकाए रखना।
पतंग सी मैं तेरे संग दूर गंगन में उड़ती फिरू
बस तुम हमारे रिश्ते की डोर यूं ही सुलझाए रखना।
तेरे आंखों में देख पूरी उम्र यूं ही श्रृंगार करती रहू मैं
बस तुम मेरे मांग में सिंदूर अपने हाथों से सजाए रखना।

