जिंदगी
जिंदगी
मेरी जिंदगी गुन गुना रही है।
जिसमे मुझे वो हर लफ्ज़ मे चिढ़ा रही है।।
मेरे पास कुछ नही यही बात बार बार बता रही है।
इसकी आवाज से मेरी रूह भी डरे जा रही है।
ये सब मेरे जीने का साहस गिरा रही है।।
अब ना जाने क्यूँ मेेेरा जीने का मन नहीं ।
बस ये दुनिया छोड़ के चला जाऊं दूर कहीं ।।
मेरे पास कुुुछ खास नही ।
जीने का कोई राज नही ।।
इतने लोग है इस दुनिया मे ।
फिर भी कोई साथ नही ।।
सब देेेेते हैं परवचन ।
क्यूंकि उनकी जिंदगी चल रही हैंं टना टन।।
लेकिन जब सारे रास्ते हो जाए बंद ।
चेहरे का उडा हो रंंग ।
कहां समझ आएगा ये भजन कीर्तन।।
