जिंदगी
जिंदगी
चलो हँसने की कोई, हम वजह ढूँढते हैं,
जिधर न हो कोई गम, वो जगह ढूँढते हैं।
बहुत उड़ लिए ऊँचे आसमानों में यारों,
चलो जमीं पे ही कहीं, हम सतह ढूँढते हैं।
छूटा संग कितनों का जिंदगी की जंग में,
चलो उनके दिलों की, हम गिरह ढूँढते हैं।
बहुत वक्त गुजरा भटकते हुए अंंधेरों में,
चलो अंंधेरी रात की, हम सुबह ढूँढते हैं।
