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Anita Lodhi

Abstract Classics

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Anita Lodhi

Abstract Classics

दीवारों पर

दीवारों पर

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दीवारों पर

अब वो टेढ़ी लाईंने नहींं दिखतीं

बिस्तर की चादर में

उड़ता सुपरमैन नहीं हैै


जूूूतें भी करीने से रखे हैं अब

लाॅन में गमलों का विकेट नहीं है

पड़ोसन की कोई शिकायत नहीं आती

दादी भी अब सताई नहींं जाती

न रिमोट की अब लड़ाई होती हैै

न मैैथ टेस्ट की कोई काॅॅपी खोती है

बस

गर्मी की धूप में सूखता आचार नहीं दिखता

और

इतवार की शाम ये घर बात नहीं करता।


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