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Noor Jahan

Tragedy

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Noor Jahan

Tragedy

ज़िन्दगी की हकीक़त

ज़िन्दगी की हकीक़त

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क्या कहे और कैसे इस ज़िन्दगी की हकीक़त

कुछ भी नहीं इस में झूठ है सारी हकीक़त

वो जो एक बेचारी लाचार सी औरत होती है 

कितने दुखों को सीने में दबाए हुए फौलाद बनी होती है

एक अकेली औरत कितनों को पाल लेती है 

हर बच्चे को एक नजर से लड प्यार देती है 

वाह री दुनिया और वह नसीब वाले औलाद 

तुझे तो मिली इसी दुनिया में इतनी प्यारी जन्नत है

पर तू ने तो इसी की ज़िन्दगी जहन्नुम बनाई है 

वाह क्या तेरी भी हिम्मत देखने में आई है

उस मे ने हर बच्चे को एक सी लाड़ दी ममता लुटाई है 

और जब तेरी बारी आई तूने अपनी रंग ही दिखाई है ।


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