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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

जिंदा हूं

जिंदा हूं

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तेरी बेवफाई से अब तक जिंदा हूं,

क्योंकि दगा तूने किया और मैं शर्मिंदा हूं।

जीना मेरी फितरत जो बरकरार है,

निर्दोष हूं प्यार में इसलिये जिंदा हूं।



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