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Swati Sharma

Drama

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Swati Sharma

Drama

जीवनसाथी

जीवनसाथी

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रूठ भी जाऊँ अगर तुमसे,

फिर भी तुम्हारे आने का इन्तज़ार होता है।

तैरती खामोशियों के मंजर पर

अरे सुनो का असर हर बार होता है।


शिकवे अपनी जगह हैं इस रिश्ते में

मगर रूठकर मान जाना ही प्यार होता है।

एक दूसरे के सुख ही नहीं दुखों पर भी

बराबर का अधिकार होता है।


मन की गिरफ्त जब जब खुले

नयी शुरुआत मानो जश्न ए त्योहार होता है,

व्रत पूजन सब तुम्हारे लियें

क्युंकि चांद से सजदा मेरा हर बार होता है।


ये कैसा सात फेरों का बँधन

जिनसे रूठते हैं उन्हीं से क्यूं प्यार होता है।


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