हम भी इन्सान हैं
हम भी इन्सान हैं
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होते हैं ये भी मासूम,
माँ की आँख के तारे,
पिता का गुरूर और
बहन की जान
दिल के थोड़े नाज़ुक होते हैं,
पर सबको सम्भालने की
ख़ातिर दर्द छुपाये फिरते हैं,
ज़ख्म हो चाहें जितने
चेहरे पर हमेशा हँसी रखते है,
कोई कमजोर ना पड़े देखकर
बस इसलिये नहीं रोते हैं।
पर हम लड़के भी इन्सान होते हैं।।
