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Gyaneshwari Vyas

Tragedy

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Gyaneshwari Vyas

Tragedy

जीवनी जीवन की

जीवनी जीवन की

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धधकते जीवन की लंका में, प्रभु हनुमान बनकर आ जाओ।

समस्याओं से जो जूझ रहे हैं, कभी दरस उन्हें दे जाओ।।


प्रतिदिन, प्रतिपल हिंसा व अश्रु , अब तो हमें इन सबसे बचाओ। 

समस्याओं से.......

छुपकर खेलें अकर्मण्यता की होली, अब तो हमें सही मार्ग दिखलाओ। 

समस्याओं से......


दूसरों की जीत पर रहे हैं तंज, उनसे हमें उबार जाओ।

समस्याओं से......

अराजकता से दहल रहे हैं, कहीं तो चैन दिलाओ।

समस्याओं से......


ज़िंदगी की कशमकश से, अब हमें मुक्ति दे जाओ।

समस्याओं से......

फँसे हैं अभिमन्यु से चक्रव्यूह में, इस जाल से हमें छुड़ाओ।

समस्याओं से......

सीता सी यहाँ बदनाम हुईं, हमें इन बंधनों से दूर कराओ।

समस्याओं से......


कालिदास सी बुद्धि पलट कर दो, ज्ञानदीप ऐसा जलाओ।

समस्याओं से......

सूरज की लालिमा दो, और शीतलता हमें पहुँचाओ।

समस्याओं से......

गगन तक परचम लहराए ऐसा शिक्षा द्वार खोल जाओ।

समस्याओं से......


सागर सा गहन चिंतन दो, विलक्षण बुद्धि बनाओ।

समस्याओं से......

प्रकृति की कल-कल दिल में, उसमें राग दे जाओ।

समस्याओं से......

भरत सी दे दो भक्ति, भव बंधन से पार कराओ।

समस्याओं से......

मीरा सी रमूं मैं श्याम में, प्रेम डोर रूहानी बनाओ।

समस्याओं से......


तुम ही हो आदि-अनंत सब, अपने आँचल में हमें सुलाओ।

समस्याओं से......

शिकायत करें सब ये किससे, आ करके हमें समझाओ।

समस्याओं से......


किनारे पे डूब रही है नैया, तुम बनकर मसीहा उसे तैराओ।

समस्याओं से......

स्मृति को दो असीम कृपा, और निर्वाण तक उसे पहुँचाओ।।


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