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Gyaneshwari Vyas

Abstract

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Gyaneshwari Vyas

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शीर्षक: ज्ञान दौलत

शीर्षक: ज्ञान दौलत

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मैंने दौलत है ऐसी पाई, मुझ सा मालामाल और कौन होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


किसी पर चढ़ा है नशा शोहरत का, पर फँसेंगे भँवर और क्या होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


अब बस भी करो नाज़ पैसे का, रोओगे सारी उम्र और क्या होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


मैंने पाई है ताकत कलम की, इससे खूबसूरत लम्हा और क्या होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


प्रेम माँ-बाप से पाया इतना, अब हीरे जवाहरातों का मोल और क्या होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


थामें शंभु हैं पतवार मेरी, कश्ती सँभली रहेगी और क्या होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


बड़ी किस्मत से मिलते हैं ऐसे मौके, इससे ज्यादा हसीन और क्या होगा!

मेरे मन में जला ज्ञान दीपक, मुझ सा नसीब वाला और कौन होगा!


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