जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
ये जीवन एक यात्रा है और हम सब यात्री
हमारे रास्ते भिन्न हैं
हमारा गंतव्य एक
हम कैसे पहुंचेंगे ?
हम कब पहुंचेंगे ?
कोई नहीं जानता
हमारे चालक के सिवा
हमारा चालक अदृश्य है
बस महसूस होता है
जब हमें कुछ पता ही नहीं
तो क्यों ना जिया जाये
हर लम्हा
तो क्यों ना बांटी जायें
बस खुशियां
तो क्यों ना बिखराई जायें
केवल मुस्कराहटें
तो क्यों ना भुला दी जायें
सब शिकायतें
तो क्यों ना लगाया जाये गले
पराये -अपनों को
तो क्यों ना मिटाया जाये
दिलों से नफरतों को
तो क्यों ना बोलीं जायें
बस मीठी बोलियाँ
तो क्यों ना नाचें हम सब
बनाकर टोलियां
तो क्यों ना लगाया जाये मरहम
किसी के जख्मों को
तो क्यों ना मिलाया जाये
किसी से भूले सपनों को
तो क्यों ना पढ़ाया जाये
प्रेम का पाठ जहां में
तो क्यों ना खाया जाये
सब मिल बांट जहां में
इससे पहले कि खत्म हो ये यात्रा
और हम सब पहुंच जायें
अपने - अपने गंतव्य पर
तो क्यों ना जी लें हम खुलकर।