जीवन स्तर
जीवन स्तर
शिक्षा में हर साल एक स्तर ऊपर उठते हैं।
जीवन में शिक्षा के महत्व को समझते हैं।
शिक्षा को ही सर्वोपरि रखते हैं।
बचपन से ही डॉक्टर,
इंजीनियर बनने के ख्वाब बुनते हैं।
फिर समाज की अवनति क्यों होने देते हैं।
नैतिक मूल्यों की क्षति क्यूँ झेलते हैं।
शिक्षा मकान बनाने की है।
जड़ों को बनाने की नहीं।
18 सालों तक किसी का लिखा पढ़ते हैं।
तोते का काम करते हैं।
खुद को कहाँ निखारते हैं।
जीवन निराधार ही रखते हैं।
इसीलिए बेरोजगार बने घूमते हैं।
हम सब जानते हैं।
शिक्षा में त्रुटियाँ निकालते हैं।
हल बताते हैं।
पर आत्मसात में हिचकिचाते हैं।
इस शिक्षा में आत्मविश्वास का पैमाना प्रतिशत होता है।
यानी कि बिलो एवरेज का तो
कोई करियर ही नहीं होता है।
उच्च विचारों की शिक्षा चाहिए ।
विषम को सम बनाने का हुनर चाहिए ।
पहाड़ों पर चढ़ने का
समुद्र की गहराई नापने का जज़्बा चाहिए ।
अपनत्व का भाव चाहिए ।
राहों को सीधा रखने का जुनून चाहिए ।
खुद - ब - खुद बदलाव आएगा ।
जीवन हर साल एक स्तर ऊपर उठ जाएगा ।।