जीवन-मृत्यु।
जीवन-मृत्यु।
जब हम सभी ने जन्म लिया है,
तो सच ये मृत्यु ने भी आना है।
चार दिन की ज़िंदगी तो हमारी,
सत्य इक दिन सब को जाना है।
हँसते हँसाते हुए जीवन जीना है,
दीन दुखियों की मदद करना हमें।
पाप करने से बचते पुण्य करने है,
दुनिया से पुण्यात्मा बन जाना है।
जीवन-मृत्यु सबसे बड़े शिक्षक है,
जो हर हाल में जीना सिखातें हमें।