जीवन की सड़क
जीवन की सड़क


जीवन की सड़क पर मै चल रहा हूंँ,
मेरा साथ निभानेवाला कोई भी नहीं,
अगर सामने कोई मिल भी जाये तो,
मेरे साथ बात करने को तैयार नही।
जीवन सड़क पर चलतें थक गया हूंँ,
खुशियां की छांव कहीं मिलती नहीं,
हौसला रखकर मैं चलता ही रहता हूंँ,
मुसीबतें मेरा पीछा छोड़ती ही नहीं।
सड़क पर चलते चलते घायल बना हूँ,
मेरा हाल-चाल पूछने वाला कोई नहीं,
भूख से तड़पकर सड़क पे गिर रहा हूंँ,
मेरा सहारा बननेवाला कोई भी नहीं।
मायूस होकर मैं सड़क पर बैठ गया हूंँ,
खुदा की रहमियत मुझको मिलती नहीं,
चिल्ला चिल्लाकर सड़क बोली "मुरली",
तेरी सड़क पर चलने की औकात नहीं।