जीवन की सांझ
जीवन की सांझ
कल्पवृक्ष के जैसा रिश्ता
मेरा और तुम्हारा।
सुख भी देखे दुख भी देखें
हर रंग में साथ हमारा।।
हमदम मेरे आ गई है
अब जीवन की सांझ।
हर पल जीना है खुश होकर
इक दूजे के मन को बांच।
आए जाए कोई मौसम
छूटे साथ ना अपना।
दुख के बादल हंस के काटे
सब की फुहार में संग भीगे सजना।

