जीवन के बाद
जीवन के बाद
इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।
ये कौन करेगा याद न जाने कैसा होगा।।
हंसते खिलते परिवारों के बीच सब रहे।
जन्नत होती है परिवारों में यह रब कहे।
जिसकी जैसी करनी है फल वैसा होगा
इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।
प्रेम भाव से सुनी कहानी होती है प्यारी।
दुनिया भर के बड़े झमेले खोती है यारी।
प्रेम अरु संस्कार बताते कुछ ऐसा होगा।
इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।
बड़ी अजब की रीत भरी यह परिभाषा।
टूट चुकी यह दिल से आशा अभिलाषा।
जीतेगा मैदान वहीं जिसका पैसा होगा।
इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।।
वो मुख पर राम बगल तलवारें रखते हैं।
खुद नफरत लेकर मन तकरारें करते हैं।
जीवन का अनमोल खजाना पैसा होगा
इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।
