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Naveen kumar Bhatt

Fantasy

4  

Naveen kumar Bhatt

Fantasy

जीवन के बाद

जीवन के बाद

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इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।

ये कौन करेगा याद न जाने कैसा होगा।।


हंसते खिलते परिवारों के बीच सब रहे।

जन्नत होती है परिवारों में यह रब कहे।

जिसकी जैसी करनी है फल वैसा होगा

इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।


प्रेम भाव से सुनी कहानी होती है प्यारी।

दुनिया भर के बड़े झमेले खोती है यारी।

प्रेम अरु संस्कार बताते कुछ ऐसा होगा।

इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।


बड़ी अजब की रीत भरी यह परिभाषा।

टूट चुकी यह दिल से आशा अभिलाषा।

जीतेगा मैदान वहीं जिसका पैसा होगा।

इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।।


वो मुख पर राम बगल तलवारें रखते हैं।

खुद नफरत लेकर मन तकरारें करते हैं।

जीवन का अनमोल खजाना पैसा होगा

इस जीवन के बाद न जाने कैसा होगा।


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