STORYMIRROR

राजेन्द्र कुमार मंडल

Inspirational

3  

राजेन्द्र कुमार मंडल

Inspirational

जीवन का आनंद

जीवन का आनंद

1 min
184


उनके हाथों के छालों में,

सने मटमैले बालों में,

तपते क्षुधा उदर की आग में,

गुनगुनाते क्लेश की राग में।


शयन धरा पर करते कहीं कोना -कोना,

सपना नहीं है राजसी बिछौना।

दरिद्र जब अपनी मस्ती में गाता है।

आनंद जीवन का इसे खूब आता है।


ना कल की परवाह इसे,

दुख भरे दिन यादें किस्से,

बस दो जून की रोटी इसे भाता है। 

आनंद जीवन का इसे खूब आता है।


ठंड में ठिठुरता, सकुचाता,

गर्मियों में कड़ी धूप जलाता।

बरसात में भीगते, सर छुपाते,

कभी झुग्गियों में या फुटपाथ पर रात बिताते।

कभी राहगीरों से, कभी अमीरों से।

चाह लिये चंद पैसे की आता है। 

आनंद जीवन का इसे खूब आता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational