STORYMIRROR

Ravi Purohit

Romance

5.0  

Ravi Purohit

Romance

जी लूँ कुछ पल मेरा होना

जी लूँ कुछ पल मेरा होना

1 min
370


मन के गुलाबी गाल

कुछ और हो जाते हैं

सूर्ख


जब तुम्हारा नेह बीज

फूट पड़ता है

नव कौंपल बन

इस सूखी बंजर धरती पर

और मैं जी लेती हूँ


कुछ पल और

मेरा जीवित होना

फिर भी मैं पराई हूं

तुम्हारे लिए !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance