जी लूँ कुछ पल मेरा होना
जी लूँ कुछ पल मेरा होना
मन के गुलाबी गाल
कुछ और हो जाते हैं
सूर्ख
जब तुम्हारा नेह बीज
फूट पड़ता है
नव कौंपल बन
इस सूखी बंजर धरती पर
और मैं जी लेती हूँ
कुछ पल और
मेरा जीवित होना
फिर भी मैं पराई हूं
तुम्हारे लिए !
मन के गुलाबी गाल
कुछ और हो जाते हैं
सूर्ख
जब तुम्हारा नेह बीज
फूट पड़ता है
नव कौंपल बन
इस सूखी बंजर धरती पर
और मैं जी लेती हूँ
कुछ पल और
मेरा जीवित होना
फिर भी मैं पराई हूं
तुम्हारे लिए !