झूठी सौंदर्यता......!
झूठी सौंदर्यता......!
ज़ब तुम मुझसे मिलना
याद रखना अपनी होके मिलना,
ये झूठी सौंदर्यता खोकर मिलना,
गर जी करें तो रोकर मिलना,
जैसे चाहे वैसे मिलना
मगर एक बात ध्यान रहे,
ज़ब तुम मुझसे मिलना
याद रखना अपनी होके मिलना।
कल क्या होगा ?
कैसे होंगे हम ?
कहाँ होंगे हम ?
इस फ़िक्र में मत रहना
वर्तमान में होके मिलना,
लेट हो जाये आने में तो
बहाना मत बनाना,
जो भी हो सच-सच बता के मिलना,
दिल से दिल ना मिले तो
कभी मत मिलना,
मगर एक बात ध्यान रहे
ज़ब तुम मुझसे मिलना
याद रखना अपनी हो के मिलना।
क्या कहेंगें लोग
क्या सोचेंगे हमारे बारे में,
हमारा ऐसे मिलना
लोगों को रास आएगा भी या नहीं,
ऐसे धोखे में मत रहना
तुम अपनी पूरी आज़ादी से मिलना,
तुम अपने ख़ुद के विश्वास से मिलना,
तुम्हें लगे कि ये रास्ते सही हैं तो मिलना
मगर एक बात ध्यान रहे,
जब तुम मुझसे मिलना
याद रखना अपनी होके मिलना।

