झिलमिलाते तारों में
झिलमिलाते तारों में
झिलमिलाते तारों में
छिपी है लाखों कहानियां
देख उन्हें लगता है
हो हमारी भी कुछ निशानियां ॥
हर दिन सांझ जब आती है
तारों के संग नयी पहेलियाँ लाती है
जाने ज़िन्दगी आज किसे अलग कर जाएगी
जाने कौनसा नया नाम साथ जोड़ जाएगी ॥
कुछ बीती बातें
कुछ आनेवाले पल
कुछ पुराने रिश्ते
कुछ नए मुलाकातों के पल ॥
कुछ इनमें अपनी मुहर लगा जायेंगे
कुछ नाम ना जाने कहाँ खो जायेंगे ॥
ना सोचा मैंने कभी
मेरा होगा क्या
ना जाने क्या कहीं कोई
मुझे भी ढूंढ़ता होगा क्या ॥
या फिर बस एक अकेले तारे की तरह
मैं भी कहीं खो जाऊँगा ॥
मुझको समझने वाले
बहुत काम है यहाँ
मुझको जानने वाले
बहुत काम है यहाँ ॥
ना रहे इनसे दूर
यही ज़िन्दगी का इरादा
ना रहूँ इसने अलग
ना मांगूँ इससे ज्यादा ॥
तारों का क्या है
हर रोज़ ही आते है
हमारी नहीं तो क्या
किसी और की कहानी सुना जाते है ॥