हमसफ़र
हमसफ़र
मिले जो तुमसे,
तो तलाश पूरी हो गई।
मिल जाए एक हमसफर
वो आस पूरी हो गई।
वादा करो मुझसे,
कि तुम वैसे तो नहीं हो,
छोड़ दो मझधार मुझे,
कहीं ऐसे तो नहीं हो।
लगता है शायद अब
सब कुछ संभल जायेगा,
साथ तुम होगे तो,
बुरा वक्त भी निकल जायेगा,
बीन लूंगा गमों के मोती,
तेरी जिंदगी से,
काट लेंगे वक्त दोनों
मिलकर खुशी से,
वैसे इश्क मोहब्बत पर
अब विश्वास तो नहीं है,
खैर दिल मेरा कहता है
कि इंसान तू सही है।
अगर तुम बोलो
तो उम्मीदें बांध लूं,
जिंदगी के सफर में
हाथ तेरा थाम लूं।
अब आ गए हो तुम
तो मान ले क्या हम,
बंजर दिल की ज़मी में,
फिर से बरसात हो गई
मिले जो तुमसे,
तो तलाश पूरी हो गई।
मिल जाए एक हमसफर
वो आस पूरी हो गई।
