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Mamta Rani

Abstract Fantasy Inspirational

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Mamta Rani

Abstract Fantasy Inspirational

काफिर

काफिर

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काफ़िर था प्रेम से, फिर प्यार हुआ तो कैसे

न थी दिल में प्रीत फिर, इकरार हुआ तो कैसे


बिखरी बिखरी थी जिंदगी, बिखरा था आसमां

फिर खुद में प्यार का ,स्वीकार हुआ तो कैसे


व्यथित मन जब भटक रहा था, गलियारों में

फिर दिल जुड़ने के लिए ,तैयार हुआ तो कैसे


नज्म -नज्म में बसी थी ,वो इस कदर जीवन में

गम का तेरे जीवन में, अधिकार हुआ तो कैसे


जीवन की विपरीत धारा में, गम की आंधियों में

राधा का तुझसे, प्रेम का करार हुआ तो कैसे



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