मयखाने शहर भर के
मयखाने शहर भर के
मयखाने शहर भर के सब गुलजार हो गये
तुम जो आये इस जिंदगी में , बहार हो गये
ये जिंदगी गुनगुनाने लगी थी ,साथ तुम्हारे
देख तुम्हारे अधरों को ,हम दिलदार हो गये
नशा जो उतरी दिल में हमारे, तेरे प्यार के
ख्यालों में बसते हो तुम, तुम्हारे यार हो गये
वक़्त ने बदली तक़दीर, तेरे प्यार के लिए
हुए मुरीद तुम्हारे, तुमसे ही निस्तार हो गये
जब से दिल में ,तेरे प्रेम की ज्योत जली है
शर्म -ओ हया से दिल , रुखसार गए गये

