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Sanjay kumar manik

Romance Fantasy

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Sanjay kumar manik

Romance Fantasy

परवाह नहीं

परवाह नहीं

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तू अच्छा लगता है मुझे

तू अच्छा है कि नहीं परवाह नहीं,


तेरे दूर जाने से डर लगता है मुझे

तू मेरे पास है कि नहीं परवाह नहीं,


तुझे खोने का डर लगता है मुझे

तू मेरा है कि नहीं परवाह नहीं,


तेरा साथ अच्छा लगता है मुझे

तू मेरे साथ है कि नहीं परवाह नहीं,


तेरी बातें अच्छी लगती हैं मुझे

बातें मेरी हो या नहीं परवाह नहीं,


तेरा एहसास अच्छा लगता है मुझे

उन एहसासों में मैं हूं कि नहीं परवाह नहीं,


तेरी आँखें अच्छी लगती है मुझे

तेरी आँखों में मैं हूँ की नहीं परवाह नहीं,


तू पास अच्छा लगता है मुझे

मेरे पास है की नहीं परवाह नहीं,


तेरे राज़ अच्छे लगते हैं मुझे

तेरा एक राज़ मैं हूँ की नहीं परवाह नहीं,


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