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Mamta Rani

Fantasy Inspirational

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Mamta Rani

Fantasy Inspirational

सृजन

सृजन

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सृजन क्या हो तुझ पे माँ

तुझसे ही ये जिंदगी सारी है

तेरे बस होने से ही

ये दुनिया प्यारी है

घर की रौनक है माँ

चूल्हे की आग है माँ

गला जब जब सूखे

वो प्यास है माँ

क्या लिखी जाए माँ पे

माँ ही सारी सृष्टि है

बंजर पड़ जाए जीवन

माँ धीमी-धीमी व्रिष्टि है

नींद ना आये तो मीठी लोरी है माँ

भूख लगे तो दूध की कटोरी है माँ

दिल की धक-धक से लेकर

ठंड में लिपटी ओढ़नी है माँ

खूबसूरत एक जहां है माँ

बेचैन दिल की पनाह है माँ

कोई हो या ना हो पास

धूप में भी छांव है माँ

जिंदगी में जब उनसे दूरी हो

कहानी बिन उनके नहीं पूरी हो

खुशियाँ तुझ बिन लगती नहीं माँ

तुझ बिन ये जिंदगी अधूरी है



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