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aazam nayyar

Abstract Fantasy

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aazam nayyar

Abstract Fantasy

आज़म नैय्यर

आज़म नैय्यर

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ए ख़ुदा जीस्त में वो फ़िजां दें मुझे

प्यार की उम्रभर वो रवां दें मुझे


जिंदगी के सपने पूरे कर दें सभी 

और ए रब नहीं इंतिहा दें मुझे


रख सलामत शाखें प्यार की रब सदा 

प्यार की जीस्त में मत ख़िज़ां दें मुझे


रब मुहब्बत जिसकी कम नहीं हो कभी 

जीस्त में दिल का ऐसा जहां दें मुझे


जीस्त भर रब नहीं फ़ासिला जो करे 

हम सफ़र कोई ऐसा यहां दें मुझे


नफ़रतों की नहीं वार बू कर सके 

प्यार से रब भरा वो मकां दें मुझे


वो लगा आज़म दामन में काटें भरने 

प्यार का फ़ूल वो ही कहां दें मुझे 



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