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Mitali Mishra

Fantasy Others

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Mitali Mishra

Fantasy Others

जिंदगी

जिंदगी

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समय की तरह बढ़ती जिंदगी को

थामना मेरे बस में नहीं,

सागर की तरह हिलोरे मारती इस जिन्दगी को

थामना मेरे बस में नहीं,

लेकिन जिंदगी से प्यार करना मेरे बस में है

जिंदगी पे ऐतबार करना मेरे बस में है।


जिंदगी तो उस खुले किताब के तरह है

जिसके पन्ने खुद ही पलट जाते है

और हर पलटते पन्नों पर

जिंदगी की कहानी भी बदलती रहती है।


कुछ खोने का डर और कुछ 

पाने की चाह

बस यही तो है जिंदगी की परिभाषा

कुछ गमों के पल और कुछ

खुशियों की सौगात

बस यही तो है जिंदगी के मायने।


 



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