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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

जग में भरें प्रकाश

जग में भरें प्रकाश

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तिमिर प्रतीक है अज्ञान का,

और ज्ञान का प्रतीक प्रकाश।

दिनकर दीपक दीप्त हों जल के,

हमको करने होते विशिष्ट प्रयास।


यदि मन में दृढ़ संकल्प हो हमारे,

धैर्य-नियोजन से टूटते नभ के तारे।

इरादे बड़े ऊंचे रखते जग में हैं सारे,

इच्छा से नहीं पूरे होते श्रम के सहारे। 

लक्ष्य प्राप्ति तक थकना-रुकना नहीं,

फेल हों भय न मानें करें नवीन प्रयास।


तिमिर प्रतीक है अज्ञान का,

और ज्ञान का प्रतीक प्रकाश।

दिनकर दीपक दीप्त हों जल के,

हमको करने होते विशिष्ट प्रयास।


परीक्षाएं होती हैं जीवन के पथ में,

विविध बाधाएं तन-मन के क्लेश।

इनमें तपकर कुंदन बनता है स्वर्ण,

यही समस्याएं बनाती हमें विशेष।

उचित समय पर उचित ही निर्णय,

बनाते हैं हम सबको ही अति खास।


तिमिर प्रतीक है अज्ञान का,

और ज्ञान का प्रतीक प्रकाश।

दिनकर दीपक दीप्त हों जल के,

हमको करने होते विशिष्ट प्रयास।


हम सब ही उच्च शुभ लक्ष्य लेकर,

जगत हित में प्रयोग करें निज शक्ति।

विशिष्ट प्रयोजन है आगमन धरा पर,

प्रभु ने अद्वितीय बनाया है हर व्यक्ति।

श्रम के स्वेद बिंदुओं से निकालें अमृत,

निज ऊर्जा-शक्ति से जग में भरें प्रकाश।


तिमिर प्रतीक है अज्ञान का,

और ज्ञान का प्रतीक प्रकाश।

दिनकर दीपक दीप्त हों जल के,

हमको करने होते विशिष्ट प्रयास।


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