जबान नहीं होती है
जबान नहीं होती है
जबान नहीं होती है तो कुछ भी हो सकता है ।मैंने सुना था इंसानों से भी यह तो जानवर से उम्मीद ही नहीं होती है कहावत है कि जानवर हो क्या ?
बेजुबान है कुछ भी कोई भी उसके साथ कर सकता है ।उसकी आत्मा नहीं होती है। रूह नहीं होती है। इंसानों के बीच जानवरों की भीड़ बढ़ी है इंसान डरता है लेकिन जानवर उसे कुछ नहीं करता है।
इंसानों के बीच में छोटी सी भीड़ में जानवर है बच ही नहीं पाया ,वह इस कदर इंसानों ने उसे घेर रखा है ।बहुत ही जरूरत है इंसानों की पूरी की जानवरों ने लेकिन जानवरों की कोई भी जरूरत इंसान कैसे पूरा कर सकता था।
जबान नहीं होती है तो कुछ भी हो सकता है मैंने सुना था इंसानों से भी यह तो जानवर से उम्मीद ही नहीं होती है कहावत है कि जानवर हो क्या ?