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खून के छींटे

खून के छींटे

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कब्र सी बन गई थी जिंदगी वहां पर

सुना था बहुत सी लड़कियां को

गर्भ में मारा गया जहां पर

एक लड़के के लिए    


जाने कितनी लड़कियों की बलि दी गई

कितनी औरतों ने अपने पेट से

भर भर के खून निकल वाया


खून के छींटे से सने थे सबके हाथ

कत्ल जैसा महसूस होता था वहां पर

पर किसी ने भी उसे कत्ल नहीं माना


लड़के की चाह के लिए

लड़कियों की बलि  चढ़ रही थी

लड़का वंश आगे बढ़ाएगा

लड़की उस वंश के मकान को सजाएगी


लड़कों की सौगात थी वहां पर

वहां लड़कियों की क्या औकात थी

हर तरफ बेबस लड़कियां पड़ी थी


अस्पताल के पीछे कब्र बनी थी

100 लड़कियां मार दी जाती थी जहां पर

बेटी लक्ष्मी होती है लिखा था एक दीवार पर।



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